लातिनी
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लातिनी अथवा लैटिन (लातिनी : Latina लातीना) प्राचीन रोमन साम्राज्य और प्राचीन रोमन धर्म की राजभाषा थी । आज ये एक मृत भाषा है, लेकिन फिर भी रोमन कैथोलिक चर्च की धर्मभाषा और वैटिकन सिटी शहर की राजभाषा है । ये एक शास्त्रीय भाषा है, संस्कृत की ही तरह, जिससे ये बहुत ज़्यादा मेल खाती है । लातिनी हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की रोमांस शाखा में आती है । इसी से फ़्रांसिसी, इतालवी, स्पैनिश, रोमानियाई और पुर्तगाली भाषाओं का उद्गम हुआ है (पर अंग्रेज़ी का नहीं) । यूरोप में ईसाई धर्म के प्रभुत्व की वजह से लातिनी मध्ययुगीन और पूर्व-आधुनिक कालों में लगभग सारे यूरोप की अंतर्राष्ट्रीय भाषा थी, जिसमें समस्त धर्म, विज्ञान, उच्च साहित्य, दर्शन और गणित की किताबें लिखी जाती थीं ।
[बदलें] लिपि
लातिनी कि लिपि रोमन लिपि है । असल में रोमन लिपि लातिनी के लिये ही बनी है, यानी कि लातिनी की अपनी लिपि है । इसलिये इसका हरेक अक्षर लगभग हमेशा एक ही उच्चारण देता है (अंग्रेज़ी की तरह गड़बड़-घोटाला नहीं होता) । अति-प्राचीन रोमन लिपि ये थी
स्वर के ऊपर समतल रेखा (Macron) का अर्थ होता था कि स्वर दीर्घ है , पर इसे लिखना ज़रूरी नहीं माना जाता था । बाद में यूनानी भाषा के उधार के शब्द लाने के लिये यूनानी लिपिसे ये अक्षर लिये गये : K (क), Y (इयु), Z (ज़) । व्यंजनउअ के लिये V प्रयुक्त किया जाने लगा और स्वर उ के लिये U । इसके भी कुछ बाद J (य) और W (व) जुड़े । छोटे अक्षरों के रुप (a, b, c, d, e, f, g, h, i, j, k, l, m, n, o, p, q, r, s, t, u, v, w, x, y, z) मध्ययुग में आये । पश्चिम और मध्य यूरोपकी सारी भाषाओं ने लिखावट के लिये रोमन लिपिअपना ली ।
[बदलें] शब्दावली
लातिनी की अधिकांश शब्दावली संस्कृत से मिलती है, क्योंकि दोनो बहिन भाषाएँ हैं और एक ही मूल आदिम-हिन्द-यूरोपीय भाषा से निकली हैं । यही सम्बन्ध इसका यूनानी भाषा से भी है, लेकिन प्राचीन यूनानी भाषा से इसने कई शब्द सीधे उधार लिये थे । बाग में अंग्रेज़ी ने लातीनी से भारी मात्रा में शब्द उधार लिये ।
अक्षर : | A | B | C | D | E | F | G | H | I | L | M | N | O | P | Q | R | S | T | V | X |
उच्चारण : | अ (आ) | ब | क | द | ए (ऍ) | फ़ | ग | ह | इ (ई, य) | ल | म | न | ओ (ऑ) | प | क्व | र | स | त | उ (ऊ, उअ) | क्स |