संगीत
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सुव्यवस्थित ध्वनि जो रस की सृष्टि करे संगीत कहलाती है। गायन, वादन व नृत्य ये तीनों ही संगीत हैं।
भारतीय संगीत
भारतीय संगीत का जन्म वेद के उच्चारण मे देखा जा सकता है। ४००० ईसा पूर्व के आस पास ऋग्वेद कि रचना की गयी थीं । शुरू मे इसका उच्चारण एक हि स्वर मे किया जाता था, लेकिन बाद मे इसके उच्चारण मे तीन स्वरों का प्रयोग होने लगा । इनमे एक मुख्य स्वर और दो उपस्वर उदात्त एवं अनुदात्त का प्रयोग होने लगा ।
संगीत का सबसे प्राचीनतम ग्रन्थ भरत मुनि का नाट्यशास्त्र है । अन्य ग्रन्थ हैं: बृहद्देशी, दत्तिलम्, संगीतरत्नाकर । संगीत का सबसे प्राचीनतम ग्रन्थ भरत मुनि का नाट्यशास्त्र है । अन्य ग्रन्थ हैं: बृहद्देशी, दत्तिलम्, संगीतरत्नाकर ।
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