लखनऊ
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लखनऊ भारत में उत्तर प्रदेश प्रान्त की राजधानी है। इसकी जनसँख्या 2001 में 2,207,340 थी तथा साक्षरता दर 68.63% है। कानपुर के बाद यह शहर उत्तर प्रदेश का यह सबसे बड़ा शहरी क्षेत्र है।
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[बदलें] इतिहास
लखनऊ का इतिहास अवध के नवाबों द्वार इस शहर को राजधानी बनाने के साथ शुरु होता है। वास्तुकला की दृष्टि से अवध के नवाबों का इस शहर में काफी योगदान है, इसके अलावा इस समय के लखनऊ की मुग़ल चित्रकारी भी आज बहुत से संग्रहालय में सुरक्षित हैं। भवनों के स्तर पर बड़ा इमामबाड़ा और छोटा इमामबाड़ा तथा रूमी दरवाज़ा मुग़ल वास्तुकला का जीता जागता उदाहरण है। हलाकि आधुनिक प्रशासन की उपेक्षा से ये महत्वपूर्ण विरासत खंडहरों में तब्दील होने का खतरा उपस्थित हो गया है।
प्राचीन अवध राज्य का विलय ब्रिटिश सम्राज्य में 1857 के सिपाही विद्रोह के फलस्वरुप हुआ था। यह शहर भारत के इस पहले व्यवस्थित स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सबसे पहले जीते गये कुछ शहरों में से था। ब्रिटिश शासकों को यह शहर अपने कब्ज़े में लेने के लिये काफी मशक्कत करनी पड़ी। लखनऊ का "शहीद स्मारक" आज भी हमें उन क्रांतिकारियों की याद ताजा कराता है।
लखनऊ के आधुनिक वास्तुकारी में लखनऊ विधानसभा और चारबाग़ स्थित लखनऊ रेलवे स्टेशन का नाम लिया जा सकता है। विश्व के सबसे पुराने आधुनिक स्कूलों में से एक ला मार्तिनयर कालेज भी इस शहर में मौजूद है जिसकी स्थापना बिर्टिश शासक क्लाउड मार्टीन की याद में की गयी थी।
[बदलें] शहर और आस-पास
लखनऊ का हवाई अड्डा शहर से बीस किलोमीटर दूर अमौसी में स्थित है। शहर और आसपास अन्य दिलचस्प स्थानों में कुकरैल (जो एक पिकनिक स्पाट है और जहाँ कछुओं का एक अभ्यारण्य है), मलीहाबाद (जहाँ के मलीहाबादी आम काफी मशहूर हैं) कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी और मिर्ज़ापुर हैं. लखनऊ में ही राष्ट्रीय औषधि अनुसंधान केन्द्र, किंग जार्ज मेडिकल कालेज और बीरबल साहनी अनुसंधान संस्थान भी हैं।
चिकन, यहाँ की कशीदाकारी का उत्कृष्ट नमूना है और लखनवी ज़रदोज़ी यहाँ का लधु उद्योग है जो कुर्ता और साड़ी जैसे कपड़ों पर अपनी कलाकारी की छाप चढाते हैं। इस उद्योग का ज्यादतर हिस्सा पुराने लखनऊ के चौक इलाके में फैला पड़ा है, जहाँ बाजार चिकन कशीदाकारी के दुकानों से भरी पड़ी है। चौक का इलाका न सिर्फ अपने चिकन के दुकानों की वजह से मशहूर है बल्कि यहाँ मुँह में पानी ला देनेवाले मिठाइयों की दुकाने भी भरी पड़ी हैं, आप मजे से यहाँ उत्कृष्ट मलाई गिलौरी, बादाम हलवा और रस-मलाई, और चटपटी चाट छककर उड़ा सकते हैं।
अमीनाबाद, यहाँ दिल्ली के चाँदनी चौक की तरह का बाजार है जो शहर के केन्द्र में स्थित है यहीं शहर के ज्यादतर शापिंग माल स्थित हैं। अन्य प्रमुख बाजारों में यहाँ का हज़रतगंज भी काफी प्रमुख़ है|
[बदलें] यह भी देखें
- भारत के शहर
- उत्तर प्रदेश
- लखनऊ विश्वविद्यालय
- इमामबाड़ा