ब्रह्मगुप्त
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ब्रह्मगुप्त (५९८-६६८) एक भारतीय गणितग्य थे । वे उज्जैन की अन्तरिक्ष प्रयोगशाला के प्रमुख थे और इस दौरान उन्होने दो विशेष ग्रन्थ लिखे: ब्रह्मस्फूतसिद्धांत (सन ६२८ में) और खन्डखड्यक (सन् ६६५ ई में) ।
ब्रह्मस्फूतसिद्धांत सबसे पहला ग्रन्थ माना जाता है जिसमें शून्य का एक विभिन्न अन्क के रूप में उल्लेख किया गया है । यही नहीं, बल्कि इस ग्रन्थ में negative अन्कों और शून्य पर गणित करने के सभी नियमों का वर्णन भी किया गया है । ये नियम आज की समझ के बहुत करीब हैं । हां, एक फ़र्क ज़रूर है कि ब्रह्मगुप्त शून्य से भाग करने का नियम सही नहीं दे पाये: ०/० = ० ।
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