देवता
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देवता दिव् धातु जिसका अर्थ प्रकाशमान होना है से निकलता है। अर्थ है कोई भी परालौकिक शक्ति का पात्र, जो अमर और पराप्राकृतिक है और इसलिये पूज्यनीय है । देवता अथवा देव इस तरक के पुरुषों के लिये प्रयुक्त होता है, और देवी इस तरह की स्त्रियों के लिये। हिन्दू धर्म में देवताओं को या तो परमेश्वर (ब्रह्म) का लौकिक रूप माना जाता है, या तो उन्हें ईश्वर का सगुण रूप माना जाता है।
बृहदारण्य उपनिषद में एक बहुत सुन्दर संवाद है जिसमें यह प्रश्न है कि कितने देव हैं। उत्तर यह है कि वास्तव में केवल एक है जिसके कई रूप हैं। पहला उत्तर है ३३ करोड, और पूछने पर ३३३९ और पूछने पर ३३, और पूछने पर ३, और अन्त में डेढ और फिर केवल एक।
वेद मन्त्रों के विभिन्न देवता हैं। प्रत्येक मन्त्र का ऋषि, कीलक, और देवता होता है।
शुद्ध बहुईश्वरवादी धर्मों में देवताओं को पूरी तरह स्वतन्त्र माना जाता है ।
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