मोहन राणा
From विकिपीडिया
मोहन राणा ब्रिटेन मे बसे भारतीय मूल के हिंदी लेखक है। बाथ (ब्रिटेन का एक रोमन शहर) निवासी मोहन राणा एक ऐसे युवा कवि हैं जिन्होंने भारत में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवा ली है। उनकी कविताओं में जीवन के सूक्ष्म अनुभव महसूस किये जा सकते हैं। बाज़ार संस्कृति की शक्तियों के विरुद्ध उनकी सोच भी कविता में उभरकर सामने आती है। उनकी कविताएं स्थितियों पर तात्कालिक प्रतिक्रिया मात्र नहीं होती हैं। वे पहले अपने भीतर के कवि और कविता के विषय में एक तटस्थ दूरी पैदा कर लेते हैं। फिर होता है सशक्त भावनाओं का नैसर्गिक विस्फोट। उनकी कविता पढ़कर महसूस होता है कि जैसे वे एक निरंतर यात्रा कर रहे हों। उन्हें शाश्वत सत्य की तलाश रहती है। उनके अब तक पांच कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं
[बदलें] यह भी देखें
- प्रवासी हिंदी साहित्य
- ब्रिटेन का प्रवासी हिंदी साहित्य
- आधुनिक हिंदी गद्य का इतिहास
- आधुनिक हिंदी पद्य का इतिहास
- आधुनिक हिंदी का अंतर्राष्ट्रीय विकास
- हिंदी साहित्य
[बदलें] बाहरी कड़ियाँ
- लोकप्रिय प्रवासी कथाकार व उनकी रचनाएं
- लोकप्रिय प्रवासी कवि व उनकी कविताएँ
- यू के में हिंदी:उद्भव और विकास
ब्रिटेन के प्रवासी हिंदी लेखक |
---|
अचला शर्मा । उषा राजे सक्सेना । उषा वर्मा । कादंबरी मेहरा । डॉ. कृष्ण कुमार । कैलाश बुधवार । गोविन्द शर्मा । गौतम सचदेव । तितिक्षा शाह । तेजेंद्र शर्मा । तोषी अमृता । दिव्या माथुर । नरेश भारतीय । निखिल कौशिक । डॉ. पद्मेश गुप्त । प्रतिभा डावर । प्राण शर्मा । भारतेन्दु विमल । डॉ. महेन्द्र वर्मा । मोहन राणा । रमेश पटेल । शैल अग्रवाल । सत्येन्द्र श्रीवास्तव । सोहन राही |