मुजफ्फरपुर
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मुजफ्फरपुर | |
लंगटसिंह महाविद्यालय: मुजफ्फरपुर | |
प्रदेश - जिलाएँ |
बिहार - मुजफ्फरपुर जिला |
स्थान | 26.0° N 85.45° E |
क्षेत्रफल - समुद्र तल से ऊँचाई |
3122.6 स.की.मी
|
समय मण्डल | IST (UTC+5:30) |
जनसंख्या (2004) - घनत्व |
3743836 - 931/स.कि.मी. |
महापौर | |
नगर पालिका अध्यक्ष | |
वेबसाइट: http://muzaffarpur.nic.in |
मुजफ्फरपुर बिहार प्रान्त के बड़े शहरों में से एक है। अपने सूती उद्योग तथा आम और लीची जैसे फलों के उम्दा उत्पादन के लिये यह शहर पूरे विश्व में जाना जाता है। मुजफ्फरपुर उत्तर में पूर्वी चंपारण और सीतामढी, दक्षिण में वैशाली और सारण, पूर्व में समस्तीपुर और दरभंगा तथा पश्चिम में गोपालगंज से घिरा है। मैथिली और हिन्दी यहाँ की मुख्य भाषाएँ हैं।
अनुक्रमणिका |
[बदलें] इतिहास
मुजफ्फरपुर का निर्माण 1875 में प्रशासनिक सुविधा के लिये तिरहुत का विभाजन कर किया गया था, जिले का नाम तत्कालीन वित्त अधिकारी मुजफ्फर खान के नाम पर रखा गया। वैसे इस क्षेत्र का उल्लेख रामयाण जैसे ग्रंथों में मिलता है परंतु इसका लिखित इतिहास वैशाली के उदभव के समय से मिलता है जब राजनैतिक शक्ति मिथिला से विदेह की ओर हस्तांतरित हुआ। हुएन सांग के यात्रा विवरणों से पता चलता है कि यह क्षेत्र काफी समय तक महाराजा हर्षवर्धन के शासन में रहा। उनकी मृत्यु के बाद स्थानीय क्षत्रपों का कुछ समय शासन रहा तथा आठवीं सदी के बाद यहाँ बंगाल के पाल वंश के शासकों का शासन शुरु हुआ। तिरहुत पर लगभग 11 वीं सदी मे चेदि वंश का भी कुछ समय शासन रहा। 1211 से 1226 बीच गैसुद्दीन एवाज़ तिरहुत का पहला मुसलमान शासक बना। 1323 में तुग़लक वंश के शासक गयासुद्दीन तुग़लक का राज आया। चौदहवीं सदी के अंत में तिरहुत समेत पूरे उत्तरी बिहार का नियंत्रण जौनपुर के राजाओं के हाथ में चला गया जो तबतक जारी रहा जबतक दिल्ली सल्तनत के सिंकदर लोधी ने जौनपुर के शासकों को हराकर अपना शासन स्थापित नहीं किया । इसके बाद विभिन्न मुग़ल शासकों और बंगाल के नवाबों के बीच इस क्षेत्र का शासन चलाते रहे।
अगर आधुनिक काल की बात की जाए तो मुजफ्फरपुर ने भारतीय स्वाधीनता आंदोलनमें अत्यंत महत्वपूरण भूमिका निभाई। महात्मा गाँधी की दो यात्राओं ने इस क्षेत्र के लोगों में स्वाधीनता के चाह की नयी जान फूँकी थी। खुदीराम बोस, जुब्बा साहनी जैसे अनेक क्रांतिकारियों की यह कर्मभूमि रही है।
मुजफ्फरपुर को इस्लामी और हिन्दू सभ्यताओं की मिलन स्थली के रूप में भी देखा जाता रहा है। दोनों सभ्यताओं के रंग यहाँ गहरे मिले हुये हैं और यही इस क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान भी है।
[बदलें] जिले के पंचायत
- औराई, बोचहाँ, गायघाट, कटरा, मीनापुर, मुरौल, मुसहरी, सकरा, काँटी, कुढनी, मोतीपुर, पारो, साहेबगंज, सरैया
[बदलें] संबद्ध मशहूर हस्तियाँ
दिनकर, जानकी वल्लभ शास्त्री, खुदीराम बोस, जार्ज फर्नान्डिस, जुब्बा साहनी,
[बदलें] शिक्षण संस्थान
- बिहार विश्वविद्यालय
- लंगट सिंह महाविद्यालय
- मुजफ्फरपुर इंस्टीट्यूट आफ टेक्नालाजी
- एम डी डी एम कालेज
- बी बी कालेजिएट
- रामदयालु महाविद्यालय
[बदलें] दर्शनीय स्थल
- जुब्बा साहनी पार्क
[बदलें] यह भी देखें
[बदलें] बाहरी कड़ियाँ
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