वार्ता:छत्तीसगढ के प्रमुख साहित्यकार
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साहित्यिक सूचना व आलेख जयप्रकाश मानस के सहयोग से rathjayprakash@gmail.com
[बदलें] लेख का नाम
यह लेख एक बहुत अच्छी जानकारी है। इस लेख मे छत्तीसगढ का साहित्य मे योगदान के बारे मे ज्यादा विवरण है। इसका नाम "छत्तीसगढ का साहित्य" ज्यादा उपयुक्त लगता है। "छत्तीसगढ के प्रमुख साहित्यकार" नाम के लेख मे उम्मीद है कि व्यक्तियो के नाम उनकी शैली, भाषा और समय का श्रेणीबद्ध विवरण हो। इस लेख के स्रोत्र का भी विवरण हो तो लेख पूरा लगेगा। कृपया यहाँ पे चर्चा करे।
- मितुल १५:४५, १३ अगस्त २००६ (UTC)
[बदलें] स्पष्टीकरण
इस लेख का नाम छत्तीसगढ़ के साहित्यकार इसलिए है क्यों कि इसमें साहित्यिक योगदान के विषय में नहीं बल्कि उन साहित्यकारों के विषय में चर्चा हुई है जिन्होंने अपने अपने समय और क्षेत्र (कविता कहानी गीत ग़ज़ल उपन्यास आदि) में हिंदी साहित्य के विकास में योगदान किया है। इसमें से कुछ लोग अतिप्रसिद्ध हुए और वे पूरे भारत में सम्मानित हुए। कुछ अपेक्षाकृत कम जो प्रादेशिक स्तर पर सम्मानित हुए।
लेख के अंत में छत्तीसगढ़ी बोली के पमुख साहित्यकारों की चर्चा की गई है। यह लेख हिंदी और छत्तीसगढ़ी के जाने माने लेखक डा जयप्रकाश मानस का लिखा हुआ है और उनकी अनुमति से प्रकाशित किया गया है। छत्तीसगढ़ी को हिंदी की एक बोली भी माना जाता है और हिंदी की विभिन्न बोलियों के अंतर्गत मैने उसको भी सूचीबद्ध किया है। लेकिन यह भी सच है कि मैथिली और अवधी की तरह छत्तीसगढ़ी का भी अपना विकसित साहित्य है। मैने डा मानस से 'छत्तीसगढ़ी बोली और साहित्य का उद्भव और विकास' पर भी एक लेख लिखने को कहा है। उन्होंने स्वीकृति दी है। जैसे ही वह लेख आ जाता है उसके बाद हम इस लेख के छत्तीसगढ़ी भाषा में लिखने वाले साहित्यकारों को 'छत्तीसगढ़ी बोली और साहित्य का उद्भव और विकास' नामक पृष्ठ पर कर देंगे। संवाद के लिए मैने डा जयप्रकाश मानस का नाम व ईमेल पता पहले ही ऊपर दिया हुआ है। पूर्णिमा वर्मन