Web - Amazon

We provide Linux to the World


We support WINRAR [What is this] - [Download .exe file(s) for Windows]

CLASSICISTRANIERI HOME PAGE - YOUTUBE CHANNEL
SITEMAP
Audiobooks by Valerio Di Stefano: Single Download - Complete Download [TAR] [WIM] [ZIP] [RAR] - Alphabetical Download  [TAR] [WIM] [ZIP] [RAR] - Download Instructions

Make a donation: IBAN: IT36M0708677020000000008016 - BIC/SWIFT:  ICRAITRRU60 - VALERIO DI STEFANO or
Privacy Policy Cookie Policy Terms and Conditions
इस्लाम धर्म - विकिपीडिया

इस्लाम धर्म

From विकिपीडिया

इस्लाम धर्म (الإسلام)

 हरम शरीफ़,  इस्लामी दुनीया की सबसे पवित्र मस्जिद. (मक्का, साउदी अरब)
Enlarge
हरम शरीफ़, इस्लामी दुनीया की सबसे पवित्र मस्जिद. (मक्का, साउदी अरब)

ईसाई धर्म के बाद अनुयाइयों के आधार पर दुनिया का दूसरा सब से बड़ा धर्म है। इस्लाम शब्द अरबी भाषा का शब्द है जिसका मूल शब्द सल्लमा है जिस की दो परिभाषाएं हैं (१) अमन और शांति (२) आत्मसमर्पण. इस्लाम धर्म का प्रमुख विश्वास यह है कि ईश्वर सिर्फ़ एक है और पूरी सृष्टि में सिर्फ़ वह ही महिमा (इबादत) के लायक है, और दूसरा यह कि सृष्टि में हर चीज़, ज़िंदा और बेजान, दृश्य और अदृश्य उसकी इच्छा के सामने आत्मसमर्पित और शांत है। इस्लाम धर्म की पवित्र पुस्तक का नाम क़ुरान है जिसका अरबी में मतलब “पढ़ाई” है। इसके अनुयाइयों को अरबी में मुस्लिम, और हिन्दी में मुसलमान कहा जाता है। मुसलमान यह विश्वास रखते है कि क़ुरान जिब्राईल (Gabriel) नामी एक फ़रिश्ते के द्वारा एक सन्देशवाहक (पैग़म्बर या रसूल) के दिल पर (एक पुस्तक की सूरत में ) उतरी, जिनका नाम मुहम्मद था। मुसलमानों के लिये मुहम्मद ईश्वर के अन्तिम दूत थे और क़ुरान मनुष्य जाति के लिये अन्तिम संदेश है।


[बदलें] इस्लामी धर्म मत

एक मुसलमान होने के लिये छह चीज़ों को मानना ज़रूरी है:

(१) एकेश्वरवाद: ईश्वर की एकता
मुसलमान एक ही ईश्वर को मानते हैं, जिसे वो अल्लाह (फ़ारसी: ख़ुदा) कहते हैं । एकेश्वरवाद को अरबी में "तौहीद" कहते हैं, जो शब्द “वाहिद”से आता है। एकेश्वरवाद पर कोई समझौता नहीं हो सकता । दूसरे देवताओं की पूजा करना महापाप माना जाता है । अल्लाह का कोई भी चित्र या मूर्ति बनाना या कोई अन्य चित्र या मूर्ति को पूजना भी महापाप है, क्योंकि सच्चे ईश्वर का रूप इंसान की समझ से बाहर है॥

“कहो: है ईश्वर एक और अनुपम।
है ईश्वर सनातन, हमेशा से हमेशा तक जीने वाला।
उस्की न कोई औलाद है न वह खुद किसी की औलाद है।
और उस जैसा कोई और नहीं॥”
(कुरान, सूरत ११२, आयते १ - ४)

मस्जिद ए नबवी,  इस्लामी दुनिया की दूसरी सब से पवित्र मस्जिद. (मदीना, सऊदी अरब)
Enlarge
मस्जिद ए नबवी, इस्लामी दुनिया की दूसरी सब से पवित्र मस्जिद. (मदीना, सऊदी अरब)



(२) रसालत (भविष्यवाक्य)
इस्लाम कई नबियों (संदेशवाहकों) को मानता है, जिनमें मूसा, इब्राहिम, यशायाह, ईसा, इत्यादि शामिल हैं । पर सबसे आख़िरी नबी (फ़ारसी: पैग़म्बर) हैं मुहम्मद । नबी ऐसा शख़्स होता है जिस को अल्लाह ने कोई भविष्यत्कथन दी हो, जेसे हारून, नूह, सुलेमान वगैरह सब इस्लाम में नबी हैं. रसूल वह चन्द नबी हैं जिन्हे कोई धर्म पुस्तक मिली हो जिस में इंसानों के लिये क़ानून हों; जैसे मूसा को तौरात, दाऊद को ज़बूर, ईसा को इन्जील और मुहम्मद को क़ुरान।
कुरान में यह बात भी कई बार आती है कि रसूल सिर्फ़ यहूदियों और अरबों को नहीं आए बल्कि हर देश और कौम को भेजे गए। इनमे से एक आयत (कड़ी) कहती है:

“हम ने बेशक़ हर क़ौम मे रसूल भेजा, [इस आदेश के साथ कि] ईश्वर का [अच्छा] काम करो और बुराई को छोड़ दो”
(कुरान, सूरत १६, आयत ३६)।

एक और जगह आता है कि

“हमने आप [मुहम्मद] से पहले और भी रसूल भेजे जिन में से कुछ के क़िस्से हमने [क़ुरान में] बयान किये हैं और कुछ के नहीं”
(कुरान, सूरत ४०, आयत ७८)॥

कुरानी नबियों के नाम अरबी और अंग्रेज़ी में:


मस्जिद ए नील. (इस्तमबुल, तुर्की)
Enlarge
मस्जिद ए नील. (इस्तमबुल, तुर्की)
  • आदम (آدَمُ - Adam)
  • इद्रीस (إدرٍِيس - Enoch)
  • नूह (نُوح - Noah)
  • हूद (هُوداً - Heber)
  • सौलिह (صَلِح - Shelah)
  • इब्राहीम(إبرَاهِيم - Abraham)
  • लूत (لوط - Lot)
  • इस्माईल (إسمَاعِيل - Ishmael)
  • इस्हाक़ (إسحَاق - Isaac)
  • याक़ूब (يَعقُب - Jacob)
  • यूसफ़(يُوسُف - Joseph)
  • अयूब(أيُوب - Job)
  • शूएब (شُعَيب - Jethro)
  • मूसा (مُوسى - Moses)
  • हारून (هَارُون - Aaron)
  • दाऊद (دَاوُد - David)
  • सुलेमान (سُلَيمان - Solomon)
  • इल्यास (إليَاس - Elijah)
  • अल्यसआ (اَليَسعَ - Elisha)
  • ज़ुल्किफ़्ल(ذُاالكِفل - Ezikiel)
  • यूनस (يُونُس - Jonah)
  • ज़िक्रीया (زَكَرِيَّا - Zachariah)
  • याह्या (يَحيى - John, the Baptist)
  • ईसा इब्न ए मरीयम (عِيسى بِن مَريم- Jesus, son of Mary)
  • मुहम्मद (مُحَمَّد - Mohammad)



(३) धर्म पुस्तक
मुसलमान धर्म पुस्तकों को मानतें है जो फ़रिश्ते जिब्राईल के हाथों इश्वर से इन्सानों में चुने हूए रसूलों कों सलाह और हिदायत के तौर पर दीं गयीं । कुरान में चार ऐसी पुस्तकों का चर्चा है: सहूफ़ ए इब्राहीमी, तौरात, ज़बूर और इंजील॥



बादशाही मस्जिद (लाहौर, पाकिस्तान)
Enlarge
बादशाही मस्जिद (लाहौर, पाकिस्तान)

(४) फ़रिश्ता (अरबी: मलाइका)
फ़रिश्ते पवित्र और खालिस रोशनी (नूर) से बनीं हूई अमूर्त हस्तियों का नाम है जो समझदार और निर्दोष हैं पर इंसान की तरह ख़ुदा के अवज्ञा की स्वतन्त्रता नहीं रखतीं। कुरान सिवाए चंद चीज़ों के इन के बारे मे ज़्यादा नहीं बताता। इस्लाम मे फ़रिश्ते न मर्द हैं न औरत और इंसान से हर लिहाज़ से अलग हैं। यह रोशनी की रफ़्तार से चलते हैं और समय और जगह में क़ैद नहीं।
हालांकि अगणनीय फ़रिश्ते है चार फ़रिश्ते कुरान में प्रभाव रखते हैं:
(१) जिब्राईल (Gabriel): जो नबीयों और रसूलों को इश्वर का. संदेशा ला कर देता है ।
(२) इज़्राईल (Azrael): इश्वर के समादेश से मौत का फ़रिश्ता जो इन्सान की आत्मा ले जाता है।
(३) मीकाईल (Michael): इश्वर के समादेश पर मौसम बदलनेवाला फ़रिश्ता ।
(४) इस्राफ़ील (Raphael): इश्वर के समादेश पर कयामत के दिन की शुरूवात पर एक आवाज़ दे गा।

गुमबत ए संग, मस्जिद ए अक़्सा के क़रीब जो रसूल ईसा की माँ मरियम की रिहाइश की जगह थी और मुसलभानों के लिये दुनिया की तीसरी सब से पवित्र मस्जिद है. (यरूशलम, इस्राईल और फ़िलस्तीन)
Enlarge
गुमबत ए संग, मस्जिद ए अक़्सा के क़रीब जो रसूल ईसा की माँ मरियम की रिहाइश की जगह थी और मुसलभानों के लिये दुनिया की तीसरी सब से पवित्र मस्जिद है. (यरूशलम, इस्राईल और फ़िलस्तीन)

(५) कयामत का दिन
मुसलमान यह मानते हैं कि मौत के बाद भी ज़िंदगी है जिसे आख़िरत कहा जाता है । दूनिया के ख़तम हो जाने के बाद कयामत का दिन आएगा जब इन्सानों के साथ साथ पूरे संसार के बुद्धिमान प्राणी को ज़िंदगी दे कर “मैदान ए हशर” मे जमा किया जाएगा और उसको उसकी ज़िंदगी दिखाई जाएगी और उसके पाप का हिसाब लिया जाएगा। दो तरह के पाप हों गे, ख़ुदा के खिलाफ़: जो वह माफ़ कर सकता है, और दूसरे प्राणियों के खिलाफ़ पाप जिन को माफ़ करने का अधिकार खुदा ने उन पापों के बलिदान को दिया है। वह एक पाप जो खुदा हरगिज़ माफ़ नहीं करेगा शिर्क है, यानी बहुदेववाद। लोगों के अच्छे कामों और नीयतों का भी हिसाब लिया जाएगा और उनको स्वर्ग में या नरक में भेज दिया जाएगा। इस्लाम में नरक का विचार दूसरे धर्मों से इस तरह अलग है कि इस्लाम में दोज़ख़ भेजा गया मुजरिम, बहुदेववादियों के अलावा, अपनी सज़ा काट कर दोज़ख़ से निकाल दिये जाएंगे॥



(६) भाग्य या तक़दीर
मुसलमान होने के लिये तक़दीर को मानना ज़रूरी है : यह कि ईश्वर समय और जगह में क़ैद नहीं सो वह हर चीज़ के पिछले और अगले को जानता है और कोई भी चीज़ उसकी अनुमति बिना नहीं हो पाती है॥

मस्जिद ए क़ुर्तबा. (स्पेन)
Enlarge
मस्जिद ए क़ुर्तबा. (स्पेन)





[बदलें] इस्लाम के प्रमुख दस्तूर


इस्लामी धर्म के पांच प्रमुख दस्तूर हैं जिन्हे इस्लाम के पांच स्तम्भ भी कहा जाता है । यह वह पांच काम हैं जिनका करना हर मुसलमान बालिग के लिये फ़र्ज़ यानी आवश्यक है ।

(१) शहादाह यानी एकेश्वरवाद की गवाही देना: मुसलमान होने के लिये सिर्फ़ यह सात शब्द कहने होते हैं कि
“ﻻ ﺍﻟﻪ ﺍﻻﺍ ﷲ ﻣﺤﻤﺪﺍ ﻟﺮﺳﻮﻝﺍ ﷲ” -- ला इलाहा इल अल्लाह मुहम्मद उर्रसूल अल्लाह
ईश्वर के सिवा और कोई देवता नहीं और मुहम्मद ईश्वर के दूत हैं ॥

(२) सलाह यानी नमाज़
हर मुसलमान के लिये दिन की पांच नमाज़ें आवश्यक हैं । यह मक्का की ओर मुंह कर के पढ़ी जाती हैं। शुक्रवार के रोज़ दोपहर मे खास नमाज़ होती हैं । दिन की पांच नमाज़ों के नाम हैं :
• फ़जर: उषाकाल से पहले
• ज़ोहर: दोपहर के वक़्त
• अस्सर: शाम से पहले
• मग़्रिब: सूर्यास्त के बाद
• इशा: रात के वक़्त

(३) सौम यानी रम्ज़ान के व्रत रखना:
يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آمَنُواْ كُتِبَ عَلَيْكُمُ الصِّيَامُ كَمَا كُتِبَ عَلَى الَّذِينَ مِن قَبْلِكُمْ لَعَلَّكُمْ تَتَّقُونَ
“ हे ईमान वालो ! तम्हारे लिये रोज़े रखना उसी प्रकार ज़रूरी हैं जिस प्रकार तुमसे पहलों [ ईसाइयों और यहूदियों] पर रोज़े ज़रूरी ठहराए गए थे, ताकि तुम सुरक्षित रहो॥”
इस्लामी हिज्री पत्रा के नवे महीने रमज़ान में सब बालिग़ और तंदुरुस्त मुसलमान सूर्योदय से सूर्यास्त तक रोज़े रखते हैं जिन में वे खाने, पीने, मैथुन और धूम्रपान से परहेज़ करते हैं। रोज़ा रखने के कई उद्देश्य हैं जिन में से दो अहम उद्देश्य यह हैं कि दुनिया की बाक़ी रोनकों से ध्यान हटा कर ईश्वर की नज़दीकी महसूस की जाए और दूसरा यह कि ग़रीबों , फ़कीरों और भूखों की समस्याओं और मुश्किलों का एहसास हो॥


(४) ज़कात यानी सालाना दान
(५) हज यानी मक्का की यात्रा

[बदलें] यह भी देखिए

Our "Network":

Project Gutenberg
https://gutenberg.classicistranieri.com

Encyclopaedia Britannica 1911
https://encyclopaediabritannica.classicistranieri.com

Librivox Audiobooks
https://librivox.classicistranieri.com

Linux Distributions
https://old.classicistranieri.com

Magnatune (MP3 Music)
https://magnatune.classicistranieri.com

Static Wikipedia (June 2008)
https://wikipedia.classicistranieri.com

Static Wikipedia (March 2008)
https://wikipedia2007.classicistranieri.com/mar2008/

Static Wikipedia (2007)
https://wikipedia2007.classicistranieri.com

Static Wikipedia (2006)
https://wikipedia2006.classicistranieri.com

Liber Liber
https://liberliber.classicistranieri.com

ZIM Files for Kiwix
https://zim.classicistranieri.com


Other Websites:

Bach - Goldberg Variations
https://www.goldbergvariations.org

Lazarillo de Tormes
https://www.lazarillodetormes.org

Madame Bovary
https://www.madamebovary.org

Il Fu Mattia Pascal
https://www.mattiapascal.it

The Voice in the Desert
https://www.thevoiceinthedesert.org

Confessione d'un amore fascista
https://www.amorefascista.it

Malinverno
https://www.malinverno.org

Debito formativo
https://www.debitoformativo.it

Adina Spire
https://www.adinaspire.com