सदस्य:Amitprabhakar
From विकिपीडिया
अनुक्रमणिका |
[बदलें] सम्मान
मौलिक पदक | |
मैं Mitul0520, Amitprabhakar को हिन्दी विकीपीडिया में अद्भुत योगदानों की सराहना के लिये यह मौलिक पदक (Original Barnstar) प्रदान करता हूं ।
--मितुल २१:२४, १२ अक्टूबर २००६ (UTC) |
जिन शब्दों पर मैं पृष्ठ शुरू करना चाहता हू-
एक टीका - ये शब्द प्रायः संस्कृत मूल के हैं । हिन्दी में, अरबी और फ़ारसी के शब्दों की अकूत निधि है पर उनके पृष्ठ बनाने के पूर्व एक बात ध्यान में रखनी चाहिये - इन शब्दों में नुक्ता का प्रयोग बहुत होता है । अतः इनके पृषठों के अलावा बिना नुक्ता वाले पृष्ठ भी बनने चाहिये और फिर उन्हें नुक्ता वाले पृष्ठ पर REDIRECT करना चाहिये । उदाहरणार्थ - यदि आप ज़ालिम का शब्दार्थ पृष्ठ बनाते हैं तो आपको एक और पृष्ठ जालिम (बिना नुक्ता वाला ) भी बनाना चाहिये और उसे ज़लिम पर REDIRECT करना चाहिये । इससे दो लाभ होंगे - पहला कि नए यूज़र्स को ढूंढने में आसानी होगी, और दूसरा कि इन शब्दों के लिये दो अलग-अलग पृष्ठ नहीं बनेंगे ।
[बदलें] सभी शब्दार्थ श्रेणी में
- नीर
- अंकुर
- प्रियतम
- रहस्य
- प्रेयसी
- असीम
- मधुर
- मधुमय
- मधु
- साकी
- विस्मित
- विस्मय
- अधर
- प्रलय
- सृष्टि
- अनुराग
- रजनी
- तारक
- प्राण
- तारा
- प्रणय
- अनुरक्त
- अनुरक्ति
- विरक्ति
- आसक्ति
- आसक्त
- घनिष्ठता
- घनिष्ठ
- करूणा
- करूण
- पंथ
- पथ
- सर्वस्व
- संचित
- विषाद
- पल
- आर्द्र
- अधिकार
- नयन
- उन्माद
- अश्रु
- संदेश
- व्यथा
- सुधि
- प्रसव
- घन
- वेदना
- उर
- विरल
- मलय
- रजत
- दृग
- स्पंद
- बेसुध
- नूतन
- नवीन
- उपवन
- कुसुम
- मृदु
- विरह
- तरंग
- लहर
- मोती
- नीर
- धूमिल
- अविरल
- विस्तार
- विस्तृत
- नभ
- गगन
- कोमल
- अवतार
- पल्लव
- मोहक
- अनोखा
- अनूठा
- निराला
- कोष
- यौवन
- सुहाग
- विशाल
- आवरण
- विधु
- श्रांत
- विहग
- सरगम
- जागरण
- किरण
- यान
- रथ
- तुणीर
- जंजीर
- द्वार
- तंद्रा
- स्नेह
- दग्ध
- सवेरा
- वरदान
- सुहाग
- आधार
- अनंत
- त्याग
- बलिदान
- जगत
- जग
- दुकूल
- नित
- पतवार
- पतझार
- चंचल
- परिचय
- स्मरण
- स्मृति
- जय
- विजय
- जीत
- आक्रमण
- तम
- रैन
- कलश
- स्रोत
- आकुल
- व्याकुल
- विलय
- विशेष
- विरोध
- व्यापक
- व्यापार
- अतिथि
- तिरस्कार
- अपमान
- तुच्छ
- उपेक्षा
- उपेक्षित
- उपासना
- इबादत
- सुलह
- सुगम
- सुलभ
- सुमन
- वासना
- सुवासित
- संघर्ष
- युद्ध
- याचना
- याचिका
- याचक
- घृणा
- ईर्ष्या
- दारुण
- व्यापक
- भय
- डर
- निडर
- निर्भय
- अभय
- आक्रांत
- आतंक
- आतंकवाद
- आतंकवादी
- झलक
- झरोखा
- चयन
- प्रस्ताव
- प्रस्तावना
- प्रकार
- प्रखर
- चिराग
- वाटिका
- पुष्प
- आग्रह
- अनुग्रह
- सत्याग्रह
- दुराग्रह
- कृति
- रचना
- संरचना
- बनावट
- महान
- लघु
- शिष्य
- वेग
- आवेग
- संवेग
- किला
- महल
- भवन
- भुवन
- जागृति
- आवृति
- आवृत
- अनावृत
- निवृत
- परिवृत
- वृत्त
- त्रिज्या
- वाहन
- गाड़ी
- व्याकरण
- वक्त
- समय
- अनुकूल
- प्रतिकूल
- वंदना
- वल्लभ
- संग्राम
- पुलक
- पलक
- लगाव
- लगाम
- चाबुक
- आघात
- आलाप
- प्रलाप
- विलाप
- वृद्धि
- बढ़त
- अश्व
- तलवार
- खड़ग
- असि
- आत्मा
- आंधी
- शरीर
- मन
- मानव
- मानवता
- नीरव
- अबोध
- आशा
- निराशा
- सफलता
- विफलता
- पराकाष्ठा
- आदर
- दृष्टि
- वाणी
- बल
- दुर्बल
- सबल
- धन
- निर्धन
- मानुष
- विधि
- विष
- तूफान
- विवेक
- विनम्र
- नम्र
- नम्रता
- विनम्रता
- शिष्टाचार
- आखेट
- शिकार
- अरण्य
- वन
- वृहत
- वहन
- संवहन
- संगठन
- घटना
- दुर्घटना
- दर्पण
- दिशा
- सर्वत्र
- सर्वश्रेष्ठ
- सर्वोत्तम
- सौभाग्य
- भाग्य
- दुर्भाग्य
- सदाचार
- दुराचार
- कदाचार
- भ्रष्टाचार
- व्यभिचार
- विचार
- आचार
- अचार
- विचारधारा
- विराम
- विलाप
- व्यंग्य
- आलोचना
- आक्षेप
- अन्दर
- अंतर
- अनभिज्ञ
- सर्वज्ञ
- विधाता
- विधान
- आरोप
- पुकार
- किल्लोल
- शोर
- पक्षी
- पंछी
- पवन
- बयार
- तुलना
- तुला
- संतुलन
- तृण
- नोक
- ओक
- बिम्ब
- प्रतिबिम्ब
- शीतल
- संगम
- संबल
- संध्या
- ग्रह
- गृह
- ग्रीवा
- संक्रांति
- द्वीप
- संबंध
- समतल
- समान
- तिक्त
- षडयंत्र
- जंग
- जलवा
- जगह
- जनता
- जनादेश
- आंदोलन
- जालिम
- जगन्नाथ
- जलज
- नीरज
- अंडज
- स्वेदज
- धनुष
- धीरज
- धैर्य
- अधीर
- व्यस्त
- वंश
- कुल
- कूल
- रचायिता
- रचनाकार
- रमणीक
- मुग्ध
- भव्य
- दिव्य
- अकाल
- अशिक्षा
- अतिरिक्त
- अतिरेक
- अभिषेक
- अभिवादन
- अभिनंदन
- अभ्यागत
- अलख
- अखिल
- अंगना
- अल्हड़
- व्याख्या
- व्याख्याता
- व्याख्यान
- व्याधि
- व्याध
- वर्जित
- विकार
- निर्विकार
- स्वाभिमान
- अभिमान
- विनय
- विनती
- अनुनय
- विनीत
- साकार
- संयोग
- दुर्योग
- वियोग
- संताप
- भद्र
- अभद्र
- वृक्ष
- वक्र
- बंकिम
- वर्तुल
- मौन
- मृदुल
- मृग
- वल्कल
- विजन
- तीर
- पर्ण
- कुटी
- आश्रम
- कुटिल
- सरिता
- सहज
- नैसर्गिक
- नर्तक
- नर्तकी
- नगर
- आयुध
- आक्रोश
- अकस्मात
- अचानक
- यकायक
- मौलिक
- मूलभूत
- मौखिक
- मंत्र
- उच्चारण
- घोष
- उद्घोष
- घोषणा
- घोसला
- गिरह
- शव
- तीर्थ
- तल्ख
- हयात
-
[बदलें] आज के शब्द (4 नवंबर 2006)
- सम्मुख
- आमुख
- विमुख
- समक्ष
- प्रत्यक्ष
- परोक्ष
- विपक्ष
- प्रयोग
- उपयोग
- उपयुक्त
- उदधि
- उस्ताद
- अजब
- अजूबा
- अदब
- आसन्न
- निकट
- समीप
- प्रमुख
- प्रधान
- मुख्य
- मस्तक
- भाल
- तिलक
- टीका
- तरणी
- मझधार
- प्रवाह
- प्रयत्न
- प्रयास
- कोशिश
- यत्न
- मंत्रणा
- मंत्री
- मूल
- मुल्य
- सिद्धहस्त
- मति
- अनुमति
- सम्मति
- सहमति
- संग्रह
- स्वरूप
- ग्रंथ
- गणना
- सरोवर
- शय्या
- श्रम
- श्रमिक
- सहयोग
- सर्वदा
- सर्वथा
- अन्यथा
- तंग
- तपस्या
- प्रावधान
- सावधान
- समर
- भिड़ंत
- भानु
- रवि
- संवाद
- विवाद
- अपवाद
- वाद
- प्रतिवाद
- तर्क
- तन्मय
- तंत्र
- तांत्रिक
- उस्तुरा
- दक्ष
- प्रवीण
- निपुण
- शाश्वत
- स्थावर
- श्रीमान
- श्रीमती
- श्रृंग
- गर्त
- व्यवहार
- विराट
- ग्लानि
- रोष
- क्षोभ
- क्षण
- लोभ
- लालच
- लवण
- बेड़ी
- अलबेला
- विवर
- विवरण
- आवरण
- अवसान
- उत्थान
- पतन
- पतित
- पावन
- शुभ
-
[बदलें] 5 नवंबर 2006
- निशि
- वासर
- निधि
- दिवस
- दीन
- दिन
- दीक्षा
- द्रोणी
- घाटी
- निषेध
- निबंध
- उत्पल
- प्रतिमान
- अप्रतिम
- निस्सीम
- सीमा
- पक्ष
- तड़प
- जघन्य
- द्रुत
- तीव्र
- मन्द
- शिथिल
- आरोह
- अवरोह
- अंतरंग
- दृढ़
- प्रण
- भीषण
- प्रतिज्ञा
- प्रस्तर
- प्रमेय
- विचरण
- प्रचार
- प्रसार
- विज्ञापन
- दूर्वा
- किसलय
- रक्त
- शोणित
- नियंत्रण
- निमंत्रण
- आमंत्रण
- गोधूलि
- मणि
- दिवंगत
- गत
- दास
- दासी
- व्यूह
- आकृति
- परिवर्तन
- वर्तनी
- तरु - वर्तनी की शुद्धता होने पर ही पृष्ठ बनाउंगा
- शासन
- अनुशासन
- संक्षेप
- प्रक्षेप
- व्यक्त
- विघ्न
- पाषाण
- भक्ति
- शक्ति
- निकेत
- समवेत
- सुषमा
- अनुपम
- उपमा
- कीर्ति
- यश
- वसन
- शीश
- सिंधु
- विद्युत
- दक्षिणा
- दीर्घ
- तालिका
- तूलिका - वर्तनी की शुद्धता होने पर ही पृष्ठ बनाउंगा
- सूची
- सारणी
- विभक्ति
- विभाग
- विभेद
- भेद
- छल
- माध्यम
- तरल
- नम
- आस्तिक
- कृतज्ञ
- कृतघ्न
- वर्ग
- वर्गीकरण
- मल
- क्षमता
- क्षमा
- क्षम्य
- अक्षम्य
- दया
- सक्षम
- अक्षम
- पत्र
- साक्षात
- साक्षात्कार
- समीक्षा
- विवेचना
- विरुद्ध
- विद्रोह
- भ्रम
- संदेह
-
[बदलें] 12 नवंबर 2006
- अश्वारोहण
- अश्वारोही
- अवगत
- जिजीविषा
- पिपाशा - वर्तनी की शुद्धता होने पर ही पृष्ठ बनाउंगा
- लावण्य
- पागुर
- अमृत
- अजर
- अजगर
- सूअर
- बिल्ली
- कुत्ता
- हरण
- बंदर
- वानर
- कपि
- भूत
- पिशाच
- द्विप
- दंत
- दंत चिकित्सक
- डाका
- डकैत
- लठैत
- चोर
- मयूर
- कबूतर
- काक
- कौआ
- गरुड़
- गेरू
- गाय
- बैल
- भैंस
- बछड़ा
- बकरी
- बकरा
- मेमना
- रत्न
- आभूषण
- अन्वेषण
- अनुसंधान
- तड़ित
- प्रादुर्भाव
- आरंभ
- समाप्त
- समाप्ति
- पूर्ण
- संपूर्ण
- विदा
- बेला
- द्रव
- द्रवित
- कंठ
- उत्कंठा
- उपदेश
- महापरिनिर्वाण
- महापुरुष
- बुद्धि
- अंत
- निलय
- अलिंद
- कपाट
- परमाणु
- अभीष्ट
- उपग्रह
- किन्नर
- गन्धर्व
- गंधर्व
- गीत
- शंभु
- अवरुद्ध
- प्रारब्ध
- क्षत
- विक्षत
- अक्षत
- चंदन
- चन्दन
- विह्वल
- विकृति
- निर्वात
- रहित
- सहित
- हीन
- विहीन
- विद्रूप
- विकट
- संकट
- कंटक
- निरूपण
- पुण्य
- पाप
- प्रायश्चित
- राज
- साधन
- साध्य
- साध
- असाध्य
- प्रवचन
- प्रवंचना
- आत्मप्रवंचना
-
[बदलें] 17 नवंबर 2006
- आडम्बर
- अनुभव
- आघात
- अनिष्ट
- विलास
- लीन
- तट
- तटस्थ
- अनायास
- आहत
- संलग्न
- तादात्म्य
- भोर
- सांझ
- क्षणिक
- गवाक्ष
- रुदन
- विषय
- भ्रांति
- कसक
- स्वभाव
- अभाव
- भाव
- भावुक
- चितवन
- दुविधा
- सुविधा
- नग्न
- अश्लील
- संशय
- आशय
- टीस
- अनवरत
- सभा
- गोष्ठी
- सम्मेलन
- कनक
- उन्मुक्त
- स्वच्छंद
- अट्टाहास
- सिद्धांत
- अल्पना
- कल्पना
- आभास
- कटाक्ष
- त्रिशंकु
- आयाम
- व्यायाम
- चेतना
- [[ ]]
- [[ ]]
- [[ ]]
- [[ ]]
- [[ ]]
- [[ ]]
- [[ ]]
- [[ ]]
-
इन लेखों का सामान्य प्रारूप[बदलें] 25 Nov 2006
- कटोरा
- थाली
- पत्तल
- सींग
- बाल्टी
- डंडा
- तकिया
- साबुन
- पट्टी
- चादर
- गद्दा
- रजाई
- बाण
- कुर्सी
- चारपाई
- पलंग
- गुल्ली
- चूल्हा
- चाशनी
- कलछी
- डब्बा
- डिब्बा
- बोतल
- डाभ
- छिलका
- घड़ी
- पात्र
- घड़ा
- सुराही
- लोहिया
- देगजी
- डेकची
- कड़ाही
- जूता
- पंखा
- थैला
- माचिस
- चप्पल
- हथौड़ा
[बदलें] सुझाव
अमितप्रभाकरजी, क्या हम ऐसा नहीं कर सकते कि हिन्दी की विकिपीडिया के १०,००० पृष्ठ चार महीनों में परे हों? धवलगिरि ०५:०४, २५ नवम्बर २००६ (UTC)
अमितप्रभाकरजी, आप ५० विज्ञान और साहित्य के व्यक्ति चुनिये लेख लिखने के लिये। हिन्दी विकिपीडिया की स्थिति बहुत बुरी है। क्या कलकाता या अन्य किसी नगर के धनी लोग इसके बढावे के लिये धनराशि प्रयोग नहीं कर सकते ?धवलगिरि ०५:१६, २५ नवम्बर २००६ (UTC)
I also want to write many new pages. I will write few new every day. --मात्रा १६:५७, २५ नवम्बर २००६ (UTC)