Web - Amazon

We provide Linux to the World


We support WINRAR [What is this] - [Download .exe file(s) for Windows]

CLASSICISTRANIERI HOME PAGE - YOUTUBE CHANNEL
SITEMAP
Audiobooks by Valerio Di Stefano: Single Download - Complete Download [TAR] [WIM] [ZIP] [RAR] - Alphabetical Download  [TAR] [WIM] [ZIP] [RAR] - Download Instructions

Make a donation: IBAN: IT36M0708677020000000008016 - BIC/SWIFT:  ICRAITRRU60 - VALERIO DI STEFANO or
Privacy Policy Cookie Policy Terms and Conditions
हिन्दी - विकिपीडिया

हिन्दी

From विकिपीडिया


हिंदी का विकिपोर्टल भी देखें: Portal:हिंदी

हिन्दी सांवैधानिक तौर पर भारत की प्रथम राजभाषा है और सबसे ज्यादा बोली और समझी जानेवाली भाषा है। हिन्दी और इसकी बोलियाँ उत्तर एवं मध्य भारत के विविध प्रांतों में बोली जाती हैं । २६ जनवरी १९६५ को हिन्दी को भारत की आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया ।

हिन्दी
Spoken भारत, नेपाल, फिजी, सूरीनाम, अमरीका, इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया,
क्षेत्र दक्षिण एशिया
कुल बोलनेवाले ४८ करोड़
स्थान २ सरा
भाषाई परिवार
भाषाई वर्गीकरण
हिन्द यूरोपीय

   हिन्द ईरानी
    हिन्द आर्य

    हिन्दी

आधिकारिक स्थिति
राजभाषा भारत
नियामक - भारत सरकार
भाषा कूट
ISO 639-1 hi
ISO 639-2 hin
SIL HND

चीनी के बाद हिन्दी विश्व में सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषा है । भारत और विदेश में ६० करोड़ (६०० मिलियन) से अधिक लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं । फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम और नेपाल की अधिकतर जनता हिन्दी बोलती है ।

भाषाविद हिन्दी एवं उर्दू को एक ही भाषा समझते हैं । हिन्दी देवनागरी लिपि में लिखी जाती है और शब्दावली के स्तर पर अधिकांशत: संस्कृत के शब्दों का प्रयोग करती है । उर्दू नस्तालिक़ में लिखी जाती है और शब्दावली के स्तर पर उस पर फारसी और अरबी भाषाओं का ज़्यादा असर है । व्याकरणिक रुप से उर्दू और हिन्दी में लगभग शत-प्रतिशत समानता है - सिर्फ़ कुछ खास क्षेत्रों में शब्दावली के स्त्रोत (जैसा कि उपर लिखा गया है) में अंतर होता है। कुछ खास ध्वनियाँ उर्दू में अरबी और फारसी से ली गयी हैं और इसी तरह फारसी और अरबी के कुछ खास व्याकरणिक संरचना भी प्रयोग की जाती है।

अनुक्रमणिका

[बदलें] परिवार

हिन्दी हिन्द यूरोपीय (Indo-European languages) भाषाई परिवार के अन्दर आती है । ये हिन्द ईरानी (Indo-Iranian languages) शाखा के हिन्द आर्य (Indo-Aryan language) उपशाखा के अन्तर्गत वर्गीकृत है । हिन्द-आर्य भाषाएँ वो भाषाएँ हैं जो संस्कृत से उत्पन्न हुई हैं । उर्दू, कश्मीरी, बंगाली, उड़िया, पंजाबी, रोमानी, मराठी जैसी भाषाएँ हिन्द-आर्य भषाएँ हैं । Shivani

[बदलें] इतिहास क्रम

  • ७५० बी. सी. (ईसा पूर्व)- संस्कृत का वैदिक संस्कृत के बाद का क्रमबद्ध विकास ।
  • ५०० बी. सी. - बौद्ध तथा जैन की भाषा प्राकृत का विकास (पूर्वी भारत) ।
  • ४०० बी. सी. - पाणिनी ने संस्कृत व्याकरण लिखा (पच्छिमी भारत) । वैदिक संस्कृत से पाणिनी की काव्य संस्कृत का मानकीकरण ।

संस्कृत का उदगम।

  • ३२२ बी. सी. - मौर्यों द्वारा ब्राह्मी लिपि का विकास।
  • २५० बी. सी. - आदि संस्कृत का विकास। (आदि संस्कृत ने धीरे धीरे १०० बी. सी. तक प्राकति का स्थान लिया ।)
  • ३२० ए. डी. (ईसवी)- गुप्त या सिद्ध मात्रिका लिपी का विकास ।

अपभ्रंश तथा आदि हिन्दी का विकास

  • ४०० - कालीदास ने "विक्रमोर्यवशियम्" अपभ्रंश में लिखी।
  • ५५० - वल्लभी के दर्शन में अपभ्रंश का प्रयोग।
  • ७६९ - सिद्ध सारहपद (जिन्हें हिन्दी का पहला कवि मानते हैं) ने "दोहाकोश" लिखी।
  • ७७९ - उदयोतन सुरी कि "कुवलयमल" में अपभ्रंश का प्रयोग।
  • ८०० - संस्कृत में बहुत सी रचनायें लिखी गयीं।
  • ९९३ - देवसेन की "शवकचर" (शायद हिन्दी की पहली पुस्तक)।
  • ११०० - आधुनिक देवनागरी लिपी का प्रथम स्वरूप।
  • ११४५-१२२९ - हेमचन्द्र ने अपभ्रंश व्याकरण की रचना की।

अपभ्रंश का अस्त तथा आधुनिक हिन्दी का विकास

  • १२८३ - आमिर ख़ुसरो की पहेली तथा मुकरिस में "हिन्दवी" शव्द का सर्वप्रथम उपयोग।
  • १३७० - "हंसवाली" की आसहात ने प्रेम कथाओं की शुरुआत की।
  • १३९८-१५१८ - कबीर की रचनाओं ने निर्गुण भक्ती की नींव रखी।
  • १४००-१४७९ - अपभ्रंश के आखरी महान कवि रघु।
  • १४५० - रामानन्द के साथ "सगुण भक्ती" की शुरुआत।
  • १५८० - शुरुआती द]क्खिनी का कार्य "कालमितुल हाकायत्" -- बुर्हनुद्दिन जनम द्वारा।
  • १५८५ - नवलदास ने "भक्तामल" लिखी।
  • १६०१ - [[बनारसीदास] ने हिन्दी की पहली आत्मकथा "अर्ध कथानक्" लिखी।
  • १६०४ - गुरु अर्जुन देव ने कई कविओं की रचनाओं का संकलन "आदि ग्रन्थ" निकाला।
  • १५३२ -१६२३ तुलसीदास ने "रामचरित मानस" की रचना की।
  • १६२३ - जाटमल ने "गोरा बादल की कथा" (खडी बोली की पहली रचना) लिखी।
  • १६४३ - रामचन्द्र शुक्ला ने "रीति" के द्वारा काव्य की शुरुआत की।
  • १६४५ - उर्दू की शुरुआत।

आधुनिक हिन्दी

  • १७९६ - देवनागरी रचनाओं की शुरुआती छ्पाई।
  • १८२६ - "उदन्त मार्तण्ड" हिन्दी का पहला साप्ताहिक।
  • १८३७ - ओम् जय जगदीश" के रचियता पुल्लोरी क जन्म ।
  • 1950 - हिन्दी भारत की राजभाषा के रुप में स्थापित।
  • 2000 - आधुनिक हिंदी का अंतर्राष्ट्रीय विकास

[बदलें] हिन्दी का मानकीकरण

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से हिन्दी और देवनागरी के मानकीकरण की दिशा में निम्नलिखित क्षेत्रों में प्रयास हुये हैं :-

  • हिन्दी व्याकरण का मानकीकरण
  • वर्तनी का मानकीकरण
  • शिक्षा मंत्रालय के निर्देश पर केन्द्रीय हिन्दी संस्थान द्वारा देवनागरी का मानकीकरण
  • वैज्ञानिक ढंग से देवनागरी लिखने के लिये एकरूपता के प्रयास
  • यूनिकोड का विकास

[बदलें] हिन्दी की शैलियाँ

भाषाविदों के अनुसार हिन्दी के चार प्रमुख रूप या शैलियाँ हैं :

  • उच्च हिन्दी--हिन्दी का मानकीकृत रूप, जिसकी लिपि देवनागरी है। इसमें संस्कृत भाषा के कई शब्द है, जिन्होंने फ़ारसी और अरबी के कई शब्दों की जगह ले ली है। इसे शुद्ध हिन्दी भी कहते हैं। आजकल इसमें अंग्रेज़ी के भी कई शब्द आ गये हैं (ख़ास तौर पर बोलचाल की भाषा में)। यह खड़ीबोली पर आधारित है, जो दिल्ली और उसके आस-पास के क्षेत्रों में बोली जाती थी।
  • दक्खिनी--हिन्दी का वह रूप जो हैदराबाद और उसके आसपास की जगहों में बोला जाता है। इसमें फ़ारसी-अरबी के शब्द उर्दू की अपेक्षा कम होते हैं।
  • रेख़्ता--उर्दू का वह रूप जो शायरी में प्रयुक्त होता है।
  • उर्दू--हिन्दी का वह रूप जो देवनागरी लिपि के बजाय फ़ारसी-अरबी लिपि में लिखा जाता है। इसमें संस्कृत के शब्द कम होते हैं,और फ़ारसी-अरबी के शब्द ज़्यादा। यह भी खड़ीबोली पर ही आधारित है।

हिन्दी और उर्दू दोनों को मिलाकर हिन्दुस्तानी भाषा कहा जाता है । हिन्दुस्तानी मानकीकृत हिन्दी और मानकीकृत उर्दू के बोलचाल की भाषा है । इसमें शुद्ध संस्कृत और शुद्ध फ़ारसी-अरबी दोनो के शब्द कम होते हैं और तद्भव शब्द अधिक । उच्च हिन्दी भारतीय संघ की राजभाषा है (अनुच्छेद 343, भारतीय संविधान) । ये इन भारयीय राज्यों की भी राजभाषा है : उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तरांचल, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, हरयाणा, और दिल्ली । उर्दू पाकिस्तान की और भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर की राजभाषा है । ये लगभग सभी ऐसे राज्यों की सह-राजभाषा है जिनकी मुख्य राजभाषा हिन्दी है । दुर्भाग्यवश हिन्दुस्तानी को कहीं भी संवैधानिक दर्ज़ा नहीं मिला हुआ है ।

[बदलें] हिन्दी की बोलियाँ

हिंदी की विभिन्न बोलियां और उनका साहित्य

[बदलें] शब्दावली

हिन्दी शब्दावली में मुख्यतः दो वर्ग हैं--

  • तत्सम शब्द-- ये वो शब्द हैं जिनको संस्कृत से बिना कोई रूप बदले ले लिया गया है ।
  • तद्भव शब्द-- ये वो शब्द हैं जिनका जन्म संस्कृत या प्राकृत में हुआ था, लेकिन उनमें काफ़ी ऐतिहासिक बदलाव आया है ।

इसके अलावा हिन्दी में कई शब्द अरबी, फ़ारसी, तुर्की, अंग्रेज़ी, आदि से भी आये हैं । जिस हिन्दी में अरबी, फ़ारसी और अंग्रेज़ी के शब्द लगभग पूरी तरह से हटा कर तत्सम शब्दों को ही प्रयोग में लाया जाता है, उसे "शुद्ध हिन्दी" कहते हैं । तथाकथित "हिन्दू राष्ट्रवादी" लोग ख़ास तौर पर "शुद्ध हिन्दी" पर अत्यधिक बल देते हैं ।

[बदलें] स्वर शास्त्र

(Phonology of Hindi)

देवनागरी लिपि में हिन्दी की ध्वनियाँ इस प्रकार हैं :

[बदलें] स्वर

ये स्वर आधुनिक हिन्दी (खड़ीबोली) के लिये दिये गये हैं ।

वर्णाक्षर “प” के साथ मात्रा IPA उच्चारण "प्" के साथ उच्चारण IAST समतुल्य अंग्रेज़ी समतुल्य हिन्दी में वर्णन
/ ə / / pə / a short or long en:Schwa: as the a in above or ago बीच का मध्य प्रसृत स्वर
पा / α: / / pα: / ā long en:Open back unrounded vowel: as the a in father दीर्घ विवृत पश्व प्रसृत स्वर
पि / i / / pi / i short en:close front unrounded vowel: as i in bit ह्रस्व संवृत अग्र प्रसृत स्वर
पी / i: / / pi: / ī long en:close front unrounded vowel: as i in machine दीर्घ संवृत अग्र प्रसृत स्वर
पु / u / / pu / u short en:close back rounded vowel: as u in put ह्रस्व संवृत पश्व वर्तुल स्वर
पू / u: / / pu: / ū long en:close back rounded vowel: as oo in school दीर्घ संवृत पश्व वर्तुल स्वर
पे / e: / / pe: / e long en:close-mid front unrounded vowel: as a in game (not a diphthong) दीर्घ अर्धसंवृत अग्र प्रसृत स्वर
पै / æ: / / pæ: / ai long en:near-open front unrounded vowel: as a in cat दीर्घ लगभग-विवृत अग्र प्रसृत स्वर
पो / ο: / / pο: / o long en:close-mid back rounded vowel: as o in tone (not a diphthong) दीर्घ अर्धसंवृत पश्व वर्तुल स्वर
पौ / ɔ: / / pɔ: / au long en:open-mid back rounded vowel: as au in caught दीर्घ अर्धविवृत पश्व वर्तुल स्वर
<none> <none> / ɛ / / pɛ / <none> short en:open-mid front unrounded vowel: as e in get ह्रस्व अर्धविवृत अग्र प्रसृत स्वर

इसके अलावा हिन्दी और संस्कृत में ये वर्णाक्षर भी स्वर माने जाते हैं :

  • ऋ -- आधुनिक हिन्दी में "रि" की तरह
  • अं -- आधे न्, म्, ङ्, ञ्, ण् के लिये या स्वर का नासिकीकरण करने के लिये
  • अँ -- स्वर का नासिकीकरण करने के लिये
  • अः -- अघोष "ह्" (निःश्वास) के लिये

[बदलें] व्यंजन

जब किसी स्वर प्रयोग नहीं हो, तो वहाँ पर 'अ' माना जाता है । स्वर के न होने को हलन्त्‌ अथवा विराम से दर्शाया जाता है । जैसे कि क्‌ ख्‌ ग्‌ घ्‌ ।

Plosives / स्पर्श
अल्पप्राण
अघोष
महाप्राण
अघोष
अल्पप्राण
घोष
महाप्राण
घोष
नासिक्य
कण्ठ्य / kə /


k; English: skip

/ khə /


kh; English: cat

/ gə /


g; English: game

/ gɦə /


gh; Aspirated /g/

/ ŋə /


n; English: ring

तालव्य / cə / or / tʃə /


ch; English: chat

/ chə / or /tʃhə/


chh; Aspirated /c/

/ ɟə / or / dʒə /


j; English: jam

/ ɟɦə / or / dʒɦə /


jh; Aspirated /ɟ/

/ ɲə /


n; English: finch

मूर्धन्य / ʈə /


t; American Eng: hurting

/ ʈhə /


th; Aspirated /ʈ/

/ ɖə /


d; American Eng: murder

/ ɖɦə /


dh; Aspirated /ɖ/

/ ɳə /


n; American Eng: hunter

दन्त्य / t̪ə /


t; Spanish: tomate

/ t̪hə /


th; Aspirated /t̪/

/ d̪ə /


d; Spanish: donde

/ d̪ɦə /


dh; Aspirated /d̪/

/ nə /


n; English: name

ओष्ठ्य / pə /


p; English: spin

/ phə /


ph; English: pit

/ bə /


b; English: bone

/ bɦə /


bh; Aspirated /b/

/ mə /


m; English: mine

Non-Plosives / स्पर्शरहित
तालव्य मूर्धन्य दन्त्य/
वर्त्स्य
कण्ठोष्ठ्य/
काकल्य
अन्तस्थ / jə /


y; English: you

/ rə /


r; Scottish Eng: trip

/ lə /


l; English: love

/ ʋə /


v; English: vase

ऊष्म/
संघर्षी
/ ʃə /


sh; English: ship

/ ʂə /


sh; Retroflex /ʃ/

/ sə /


s; English: same

/ ɦə / or / hə /


h; English home

नोट करें :

  • इनमें से ळ (मूर्धन्य पार्विक अन्तस्थ) एक अतिरिक्त वयंजन है जिसका प्रयोग हिन्दी में नहीं होता है। मराठी और वैदिक संस्कृत में सभी का प्रयोग किया जाता है ।
  • संस्कृत में का उच्चारण ऐसे होता था : जीभ की नोक को मूर्धा (मुँह की छत) की ओर उठाकर जैसी आवाज़ करना । शुक्ल यजुर्वेद की माध्यंदिनि शाखा में कुछ वाक़्यात में का उच्चारण की तरह करना मान्य था । आधुनिक हिन्दी में का उच्चारण पूरी तरह की तरह होता है ।
  • हिन्दी में का उच्चारण ज़्यादातर ड़ँ की तरह होता है, यानि कि जीभ मुँह की छत को एक ज़ोरदार ठोकर मारती है । हिन्दी में क्षणिक और क्शड़िंक में कोई फ़र्क नहीं । पर संस्कृत में ण का उच्चारण की तरह बिना ठोकर मारे होता था, फ़र्क सिर्फ़ इतना कि जीभ के समय मुँह की छत को छूती है ।

[बदलें] नुक़्ता वाली ध्वनियाँ

ये ध्वनियाँ मुख्यत: अरबी और फ़ारसी भाषाओं से उधार ली गयी हैं । इनका स्त्रोत संस्कृत नहीं है । कई हिन्दीभाषी इनका ग़लत उच्चारण करते हैं । देवनागरी लिपि में ये सबसे करीबी संस्कृत के वर्णाक्षर के नीचे नुक्ता (बिन्दु) लगाकर लिखे जाते हैं ।

वर्णाक्षर (IPA उच्चारण) उदाहरण वर्णन अंग्रेज़ी में वर्णन ग़लत उच्चारण
क़ (/ q /) क़त्ल अघोष अलिजिह्वीय स्पर्श Voiceless uvular stop (/ k /)
ख़ (/ x or χ /) ख़ास अघोष अलिजिह्वीय या कण्ठ्य संघर्षी Voiceless uvular or velar fricative (/ kh /)
ग़ (/ ɣ or ʁ /) ग़ैर घोष अलिजिह्वीय या कण्ठ्य संघर्षी Voiced uvular or velar fricative (/ g /)
फ़ (/ f /) फ़र्क अघोष दन्त्यौष्ठ्य संघर्षी Voiceless labio-dental fricative (/ ph /)
ज़ (/ z /) ज़ालिम घोष वर्त्स्य संघर्षी Voiced alveolar fricative (/ dʒ /)
ड़ (/ ɽ /) पेड़ अल्पप्राण मूर्धन्य उत्क्षिप्त Unaspirated retroflex flap -
ढ़ (/ ɽh /) पढ़ना महाप्राण मूर्धन्य उत्क्षिप्त Aspirated retroflex flap -

हिन्दी में ड़ और ढ़ व्यंजन फ़ारसी या अरबी से नहीं लिये गये हैं, न ही ये संस्कृत में पाये जाये हैं । असल में ये संस्कृत के साधारण और के बदले हुए रूप हैं ।

[बदलें] हिन्दी की गिनती

हिन्दी की गिनती

[बदलें] व्याकरण

देखिये हिन्दी व्याकरण

हिन्दी में सिर्फ़ दो ही लिंग होते हैं : स्त्रीलिंग और पुल्लिंग । कोई वस्तु या जानवर या वनस्पती या भाववाचक संज्ञा स्त्रीलिंग है या पुल्लिंग, इसका भेद सिर्फ़ रिवाज़ से होता है, जिसे याद करना पड़ता है ( कभी-कभी संज्ञा के अन्त-स्वर से भी पता चल जाता है ) । संज्ञा में तीन शब्द-रूप हो सकते हैं -- प्रत्यक्ष रूप, अप्रत्यक्ष रूप और संबोधन रूप । सर्वनाम में कर्म रूप और सम्बन्ध रूप भी होते हैं, पर सम्बोधन रूप नहीं होता । संज्ञा और -कारन्त विशेषण में प्रत्यय द्वारा रूप बदला जाता है । सर्वनाम में लिंग-भेद नहीं होता । क्रिया के भी कई रूप होते हैं, जो प्रत्यय और सहायक क्रियाओं द्वारा बदले जाते हैं । क्रिया के रूप से उसके विषय संज्ञा या सर्वनाम के लिंग और वचन का भी पता चल जात है । हिन्दी में दो वचन होते हैं-- एकवचन और बहुवचन । किसी शब्द की वाक्य में जगह बताने के लिये कई कारक होते हैं, जो शब्द के बाद आते हैं (postpositions) । अगर संज्ञा को कारक के साथ ठीक से रखा जाये तो वाक्य में शब्द-क्रम काफ़ी मुक्त होता है ।

[बदलें] हिन्दी और कम्प्यूटर

कम्प्यूटर और इन्टरनेट ने पिछ्ले वर्षों मे विश्व मे सूचना क्रांति ला दी है । आज कोई भी भाषा कम्प्यूटर (तथा कम्प्यूटर सदृश अन्य उपकरणों) से दूर रहकर लोगों से जुड़ी नही रह सकती। कम्प्यूटर और के विकास के आरम्भिक काल में अंग्रेजी को छोडकर विश्व की अन्य भाषाओं के कम्प्यूतर पर प्रयोग की दिशा में बहुत कम ध्यान दिया गया जिससे कारण सामान्य लोगों में यह गलत धारणा फैल गयी कि कम्प्यूटर अंगरेजी के सिवा किसी दूसरी भाषा(लिपि) में काम ही नही कर सकता। किन्तु यूनिकोड(Unicode) के पदार्पण के बाद स्थिति बहुत तेजी से बदल गयी।
इस समय हिन्दी में सजाल (websites), चिट्ठे (Blogs), विपत्र (email), गपशप (chat), खोज (web-search), सरल मोबाइल सन्देश (SMS) तथा अन्य हिन्दी सामग्री उपलब्ध हैं। इस समय अन्तरजाल पर हिन्दी में संगणन के संसाधनों की भी भरमार है और नित नये कम्प्यूटिंग उपकरण आते जा रहे हैं। लोगों मे इनके बारे में जानकारी देकर जागरूकता पैदा करने की जरूरत है ताकि अधिकाधिक लोग कम्प्यूटर पर हिन्दी का प्रयोग करते हुए अपना, हिन्दी का और पूरे हिन्दी समाज का विकास करें।

[बदलें] हिन्दी फ़िल्म

मुख्य लेख: हिन्दी सिनेमा

हिन्दी सिनेमा का उल्लेख किये बग़ैर हिन्दी का कोई भी लेख अधूरा होगा । मुम्बई मे स्थित "बॉलिवुड" हिन्दी फ़िल्म उद्योग पर भारत के करोड़ो लोगों की धड़्कनें टिकी रहती हैं । हर फ़िल्म में कई संगीतमय गाने होते हैं । हिन्दी और उर्दू (खड़ीबोली) के साथ साथ अवधी, बम्बइया हिन्दी, भोजपुरी, राजस्थानी जैसी बोलियाँ भी संवाद और गानों मे उपयुक्त होते हैं । प्यार, देशभक्ति, परिवार, अपराध, भय, इत्यादि मुख्य विषय होते हैं । ज़्यादातर गाने उर्दू शायरी पर आधारित होते हैं । कुछ हिट फ़िल्मे हैं : महल (1949), श्री 420 (1955), मदर इंडिया (1957), मुग़ल-ए-आज़म (1960), गाइड (1965), पाकीज़ा (1972), बॉबी (1973), ज़ंजीर (1973), यादों की बारात (1973), दीवार (1975), शोले (1975), मिस्टर इंडिया (1987), क़यामत से क़यामत तक (1988), मैंने प्यार किया (1989), जो जीता वही सिकन्दर (1991), हम आपके हैं कौन (1994), दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे (1995), दिल तो पागल है (1997), कुछ कुछ होता है (1998), ताल (1999), कहो ना प्यार है (2000), लगान (2001), दिल चाहता है (2001), कभी ख़ुशी कभी ग़म (2001), देवदास (2002), साथिया (2002), मुन्ना भाई MBBS (2003), कल हो ना हो (2003), धूम (2004), वीर-ज़ारा (2004), स्वदेस (2004), सलाम नमस्ते (2005), रंग दे बसंती (2006) इत्यादि ।

[बदलें] यह भी देखिए

[बदलें] बाहरी कड़ियाँ

Our "Network":

Project Gutenberg
https://gutenberg.classicistranieri.com

Encyclopaedia Britannica 1911
https://encyclopaediabritannica.classicistranieri.com

Librivox Audiobooks
https://librivox.classicistranieri.com

Linux Distributions
https://old.classicistranieri.com

Magnatune (MP3 Music)
https://magnatune.classicistranieri.com

Static Wikipedia (June 2008)
https://wikipedia.classicistranieri.com

Static Wikipedia (March 2008)
https://wikipedia2007.classicistranieri.com/mar2008/

Static Wikipedia (2007)
https://wikipedia2007.classicistranieri.com

Static Wikipedia (2006)
https://wikipedia2006.classicistranieri.com

Liber Liber
https://liberliber.classicistranieri.com

ZIM Files for Kiwix
https://zim.classicistranieri.com


Other Websites:

Bach - Goldberg Variations
https://www.goldbergvariations.org

Lazarillo de Tormes
https://www.lazarillodetormes.org

Madame Bovary
https://www.madamebovary.org

Il Fu Mattia Pascal
https://www.mattiapascal.it

The Voice in the Desert
https://www.thevoiceinthedesert.org

Confessione d'un amore fascista
https://www.amorefascista.it

Malinverno
https://www.malinverno.org

Debito formativo
https://www.debitoformativo.it

Adina Spire
https://www.adinaspire.com