मैथिली
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मैथिली मुख्य रूप से भारत में उत्तरी बिहार और नेपाल के तराई के ईलाक़ों मे बोली जानेवाली भाषा है। यह प्राचीन भाषा इन्डो-आर्यन परिवार का सदस्य है और भाषाई तौर पर बांग्ला, असमिया, उड़िया और नेपाली से इसका काफी निकट का संबंध है।
अनुक्रमणिका |
[बदलें] विकास
प्राचीन मैथिली के विकास शुरूआती दौर प्राकृत और अपभ्रंश के विकास से जोड़ा जाता है।
[बदलें] उपयोग
लगभग 4 से 5 करोड़ लोग मैथिली को मातृ-भाषा के रुप में प्रयोग करते हैं और इसके प्रयोगकर्ता भारत के विभिन्न हिस्सों सहित विश्व के कई देशों मे फैले हैं।
[बदलें] साहित्य
मैथिली साहित्य का अपना समृद्ध इतिहास रहा है और चौदहवीं तथा पंद्रहवीं शताब्दी के कवि विद्यापति को मैथिली साहित्य में सबसे ऊँचा दर्जा प्राप्त है। वर्तमान काल मे डा. हरिमोहन झा एवँ नागार्जुन मैथिली भाषा के प्रमुख लेखक माने जाते हैं|
[बदलें] स्थिति
भारत की साहित्य अकादमी द्वारा मैथिली को साहित्यिक भाषा का दर्जा पंडित नेहरू के समय से हासिल है।
वर्ष २००३ में भारत सरकार द्वारा मैथिली को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में भी शामिल किया गया है।