स्वर वर्ण
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स्वर () उन ध्वनियों को कहते हैं जो बिना किसी अन्य वर्णों की सहायता के उच्चारित किये जाते हैं ।
[बदलें] वर्गीकरण
स्वरों को कई तरह से वर्गीकृत किया जा सकता है :
- जिह्वा की ऊँचाई की दृष्टि से :
- विवृत (खुला हुआ, यानि कि जीभ नीचे गिरी हुई है) / Open
- अर्धविवृत / half-open
- बीच का
- अर्धसंवृत / half-closed
- संवृत (अत्यन्त संकीर्ण, यानि कि जीभ मुँह की छत तक उठी हुई है) / closed
- जिह्वा का कौन हिस्सा उठा हुआ है :
- अग्रस्वर / front vowel
- मध्यस्वर / mid vowel
- पश्वस्वर / back vowel
- होंठों की स्थिति से :
- प्रसृत (खुले होंठ) / unrounded
- वर्तुल (गोलाकार होंठ) / rounded
- अर्ध-वर्तुल / semi-rounded
- मात्रा की दृष्टि से :
- ह्रस्व / short
- दीर्घ / long
- प्लुत / very long
नीचे दी गयी तालिका में सभी भाषाओं के स्वरों का वैज्ञानिक वर्गीकरण और उनके IPA वर्णाक्षर दिये गये हैं :
अग्रस्वर | लगभग अग्रस्वर | मध्यस्वर | लगभग पश्वस्वर | पश्वस्वर | ||||||
---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
प्रसृत | वर्तुल | प्रसृत | वर्तुल | प्रसृत | वर्तुल | प्रसृत | वर्तुल | प्रसृत | वर्तुल | |
संवृत | i | y | ɨ | ʉ | ɯ | u | ||||
लगभग संवृत | ɪ | ʏ | ʊ | |||||||
अर्धसंवृत | e | ø | ɘ | ɵ | ɤ | o | ||||
बीच का | Schwa: ə | |||||||||
अर्धविवृत | ɛ | œ | ɜ | ɞ | ʌ | ɔ | ||||
लगभग विवृत | æ | ɐ | ||||||||
विवृत | a | ɶ | ɑ | ɒ |
जिस स्वर पर बलाघात लगता है, उसके शब्दांश के पहले एक << ' >> का निशान लगा दिया जाता है । जिस स्वर में नासिकीकरण होता है, उसके ऊपर टिल्ड << ~ >> का निशान लगा दिया जाता है । दीर्घ स्वरों के बाद << : >> का निशान लगाया जाता है ।
[बदलें] हिन्दी भाषा के स्वर
- अ / ə
/
- आ / ɑ:
/
- इ / i /
- ई / i: /
- उ / u /
- ऊ / u: /
- (ऋ = 'रि', आधुनिक हिन्दी में / ri /)
- ए / ei /
- ऐ / æ:
/
- ओ / o: /
- औ / ɔ:
/
- ऍ / ɛ
/
- (ऑ / ɔ
/)