साहिर लुधियानवी
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साहिर लुधियानवी (१९२१-१९८०): साहिर लुधियानवी का असली नाम अब्दुलहयी साहिर है। उनका जन्म 8 मार्च 1921 में लुधियाना के एक जागीरदार घराने में हुआ था। माता-पिता में अलगाव होने के कारण उन्हें माता के साथ रहना पड़ा और गरीबी में गुजर करनी पड़ी। साहिर की शिक्षा लुधियाना खालसा के हाई स्कूल में हुई। सन् 1939 में जब वे गव्हर्नमेंट कालेज के विद्यार्थी थे अमृता प्रीतम से उनका प्रेम हुआ जो कि असफल रहा। बाद में उन्हें कालेज से निकाल दिया गया। जीविका चलाने के लिये उन्होंने तरह तरह की छोटी-मोटी नौकरियाँ कीं।
सन् 1943 में साहिर लाहौर आ गये और उसी वर्ष उन्होंने अपनी पहली कविता संग्रह 'तल्खियाँ' छपवायी। 'तल्खियाँ' के प्रकाशन के बाद से ही उन्हें ख्याति प्राप्त होने लग गई। सन् 1945 में वे प्रसिद्ध उर्दू पत्र 'अदब-ए-लतीफ़' और 'शाहकार' (लाहौर) के सम्पादक बने। बाद में वे द्वैमासिक पत्रिका सवेरा के भी सम्पादक बने और इस पत्रिका में उनकी किसी रचना को सरकार के विरुद्ध समझे जाने के कारण पाकिस्तान सरकार ने उनके खिलाफ वारण्ट जारी कर दिया। सन् 1949 में वे दिल्ली आ गये। कुछ दिनों दिल्ली में रहकर वे बंबई (वर्तमान मुंबई) आ गये जहाँ पर व उर्दू पत्रिका 'शाहराह' और 'प्रीतलड़ी' के सम्पादक बने।
फिल्म आजादी की राह पर (1949) के लिये उन्होंने पहली बार गीत लिखे किन्तु प्रसिद्धि उन्हें फिल्म नौजवान, जिसके संगीतकार सचिनदेव बर्मन थे, के लिये लिखे गीतों से मिली। फिल्म नौजवान का गाना 'ठंडी हवायें लहरा के आयें .....' बहुत लोकप्रिय हुआ और आज तक है। बाद में साहिर लुधियानवी ने बाजी, प्यासा, फिर सुबह होगी, कभी कभी जैसे लोकप्रिय फिल्मों के लिये गीत लिखे। सचिनदेव बर्मन के अलावा एन. दत्ता, शंकर जयकिशन, खैयाम आदि संगीतकारों ने उनके गीतों की धुनें बनाई हैं।
59 वर्ष की अवस्था में 25 अक्टूबर 1980 को दिल का दौरा पड़ने से साहिर लुधियानवी का निधन हो गया।
[बदलें] प्रसिद्ध गीत
- आना है तो आ (नया दौर 1957), संगीत ओ पी नय्यर
- अल्लाह तेरो नाम ईश्वर तेरो नाम (हम दोनो 1961), संगीत जयदेव
- चलो एक बार फिर से अजनबी बन जायें (गुमराह), संगीत रवि
- मन रे तु काहे न धीर धरे (चित्रलेखा 1964), संगीत रोशन
- मैं पल दो पल का शायर हूं (कभी कभी 1976), संगीत खय्याम
- यह दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है (प्यासा 1957), संगीत एस डी बर्मन
- ईश्वर अल्लाह तेरे नाम (नया रास्ता 1970), संगीत एन दत्ता
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