भूटान
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भूटान की राजशाही दक्षिण जंबुद्वीप का एक छोटा और महत्वपूर्ण देश है। हिमालय पर ब्सा यह देश चीन और भारत के बीच बसा हुआ है। इस देश का स्थानीय नाम द्रुक यू जिसका अर्थ होता है 'ड्रैगन का देश । यह देश मुख्यतः पहाड़ी है केवल दक्षिणी भाग में थोड़ी सी समतल भूमि है । संस्कृतिक रूप से तिब्बत से जुड़ा है पर आधुनिक काल में भारत के साथ हुई संधियों ने इसे भारत के ज्यादा करीब ला दिया है ।
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राजभाषा | जोंगखा | ||||
राजधानी | थिम्फू | ||||
राजा | जिग्मे सिंगे वांगचुक | ||||
प्रधानमंत्री | ल्योनपो येशे जिम्बेल | ||||
क्षेत्रफल - कुल - % जल |
128 वाँ स्थान 47,000 प्रति वर्ग किलोमीटर नगण्य |
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जनसँख्या
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139 वाँ स्थान
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आजादी | किसी देश के अधीन नहीं रहा. | ||||
मुद्रा | ङुलत्रुम भारतीय रुपया | ||||
समय क्षेत्र | ग्रीनविच मानक समय +6 | ||||
राष्ट्र्गान | द्रुक सेन्देन | ||||
इंटरनेट डोमेन | .bt | ||||
कालिंग कोड | 975 |
अनुक्रमणिका |
[बदलें] नाम
कुछ लोगों के अनुसार भूटान संस्कृत के भू-उत्थान से बना शब्द है जिसका शाब्दिक अर्थ है ऊंची भूमि । कुछ के अनुसार यह भोत-अन्त (यानि तिब्बत का अन्त) का बिगड़ा रूप है । यहां के निवासी भूटान को द्रुक-युल (ड्रैगन का देश) तथा इसके निवासियों को द्रुपका कहते हैं । इसके अलावा भी भूटान के कई नाम रहे हैं पूर्व में ।
[बदलें] इतिहास
सत्रहवीं सदी के अंत में भूटान ने बौद्ध धर्म को अंगीकार किया। 1865 मे ब्रिटेन और भूटान के बीच सिनचुलु संधि पर हस्ताक्षर हुआ जिसके तहत भूटान को सीमावर्ती कुछ भूभाग के बदले कुछ वार्षिक अनुदान के करार किये गये। ब्रिटिश प्रभाव के तहत 1907 में वहाँ राजशाही की स्थापना हुयी। तीन साल बाद एक और समझौता हुआ जिसके तहत ब्रिटिश इस बात पर राजी हुये कि वे भूटान के आंतरिक मामलों में हस्त्क्षेप नहीं करेंगे लेकिन भूटान की विदेशा नीति इंग्लैंड द्वारा तय की जायेगी। बाद में 1947 के पश्चात यही भूमिका भारत को मिली। दो साल बाद 1949 में भारत भूटान समझौते के तहत भारत ने भूटान की वो सारी जमीन उसे लौटा दी जो अंगरेजों के अधीन थी। इस समझौते के तहत भारत का भूटान की विदेश नीति एवं रक्षा नीति में काफी महत्वपूर्ण भूमिका दी गयी।
[बदलें] राजनीति
मुख्य निबंध भूटान की राजनीति
भूटान के राजप्रमुख राजा अर्थातद्रुक ग्यालपो होता है, जो वर्तमान में जिग्मे सिंघे वांगचुक हैं। हलाकि यह पद वंशानुगत है लेकिन भूटान के संसद शोगडू के दो तिहाई बहुमत द्वारा हटाया जा सकता है। शोगडू में 154 सीटे होते हैं जिसमे स्थानीय रूप से चुने गये प्रतिनीधि (105), धार्मिक प्रतिनीधि (12) और राजा द्वारा नामांकित प्रतिनीधि (37), और इन सभी का कार्यकाल तीन वर्षों का होता है। राजा की कार्यकारी शक्तियाँ शोगडू के माध्यम से चुने गये मंत्रिपरिषद में निहित होती हैं। मंत्रिपरिषद के सदस्यों का चुनाव राजा करता है और इनका कार्यकाल पाँच वर्षों का होता है। सरकार की नीतियों का निर्धाण इस बात को ध्यान में रखकर किया जाता है कि इससे पारंपरिक संस्कृति और मूल्यों का संरक्षण हो सके। हलाकि भूटान में रहने वाले नेपाली मूल के अल्पसंख्यक समुदायों में कुछ असंतोष है जो अपनी संस्कृति पर भूटानी संस्कृति लादे जाने के खिलाफ हैं।
[बदलें] जिले
भूटान बीस जिलों (ज़ोंगखाग) में विभाजित है।
- भूमथांग
- चुखा
- दगाना
- गासा
- हा
- लूंतसे
- मोंगर
- पारो
- पेमागात्सेल
- पुनाखा
- सामद्रुप जोंगखार
- साम्त्से
- सारपांग
- थिम्फू
- त्राशीगांग
- त्राशी यांग्त्से
- त्रोंगसा
- शिरांग
- वांगद्यू फोद्रांग
- जेमेग
[बदलें] भूगोल
भूटान मूल रूप से चारो तरफ से स्थल से घिरा और पर्वतीय क्षेत्र है। उत्तर में पर्वतों की चोटियाँ कहीं कहीं 7000 मीटर से भी ऊँची हैं, सबसे ऊँची चोटी कुला कांगरी 7553 मीटर है। गांगखर पुएनसुम, की ऊँचाई 6896 मीटर है, जिसपर अभी तक मानवों के कदम नहीं पहुँचे हैं। देश का दक्षिणी हिस्सा अपेक्षाकृत कम ऊँचा है और यहाँ कई उपजाऊ और सघन घाटियाँ हैं जो ब्रम्हपुत्र की घाटी से मिलती है। देश का लगभग 70% हिस्सा वनों से आच्छादित है।
देश की ज्यादातर आबादी देश के मध्यवर्ती हिस्सों में रहती है। देश का सबसे बड़ा शहर, राजधानी थिम्फू है जिसकी आबादी 50,000 है, जो देश के पश्चिमी हिस्से में स्थित है। यहाँ की जलवायु मुख्य रूप से ऊष्णकटिबंधीय है।
[बदलें] अर्थव्यवस्था
मुख्य निबंध: भूटान की अर्थव्यवस्था
विश्व के सब्से छोटी अर्थव्यवस्थाओं में से एक भूटान का आर्थिक ढाँचा मुख्य रूप से कृषि और वन क्षेत्रों और अपने यहाँ निर्मित पनबिजली के भारत को विक्रय पर निर्भ है। ऐसा माना जाता है कि इन तीन चीजों से भूटान की सरकारी आय का 75% आता है। कृषि जो यहाँ के लोगों का आधार है, इसपर 90% से ज्यादा लोग निर्भ हैं। भूटान का मुख्य आर्थिक सहयोगी भारत हैं क्योंकि तिब्बत से लगने वाली भूटान की सीमा बंद है। भूटान की मुद्र नोंग्त्रुम है जो भारतीय रूप्या से बदला जा सकता है। औधोगिक उत्पादन लगभग नगण्य है और जो कुछ भी है वे कुटीर उद्योग की श्रेणी में आते हैं। ज्यादातर विकास परियोजनाएँ जैसे सड़कों का विकास इत्यादि भारतीय सहयोग से ही होता है। भूटान की पनबिजली और पर्यटन के क्षेत्र में अप्रिमीत संभावनाएँ हैं।
[बदलें] लोग
भूटान की लगभग आधी आबादी भूटान के मूलनिवासी हैं जिन्हें गांलोप कहा जाता है और इनका निकट का संबंध तिब्बत की कुछ प्रजातियों से है। इसके अलावा अन्य प्रजातियों में शारचोप, और ल्होतशांपाहैं। जोंगखा यहाँ की आधिकारिक भाषा है, इसके साथ ही यहाँ कई अन्य भाषाएँ बोली जाती हैं जिनमें कुछ तो विलुप्त होने के कगार पर हैं।
भूटान में आधिकारिक धर्म बौद्ध धर्म का महायान शाखा है जिसका अनुपालन देश की लगभग तीन चौथाई जनता करती है। भूटान की शेष जनता का एक बड़ा हिस्सा हिन्दू धरम का अनुपालन करता है।
[बदलें] संस्कृति
मुख्य निबंध: भूटान की संस्कृति
भूटान दुनिया के उन कुछ देशों में है जो खुद को शेष संसार से अलग-थलग रखता चला आ रहा है और आज भी काफी हद तक यहाँ विदेशियों का प्रवेश काफी कुछ नियंत्रित है। देश की ज्यादातर आबादी छोटे गाँव में रहते हैं और कृषि पर निर्भ हैं। शहरीकरण धीरे धीरे अपने पाँव जमा रहा है। बौद्ध विचार यहाँ की ज़िंदगी का अहम हिस्सा हैं। धनुर्धारी यहाँ का राष्ट्रीय खेल है।
[बदलें] यह भी देखिए
- भूटान का संगीत
- भूटान में यातायात
- भूटान की सेना
- wikt:भूटान (विक्षनरी)
[बदलें] बाहरी कड़ियाँ
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